आखिर सीडी का राज क्या है…?
उमाकांत त्रिपाठी : नई दिल्ली। बीबीसी के पत्रकार विनोद वर्मा को रात के तीन बजे गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश पुलिस के सहयोग से छत्तीसगढ़ पुलिस ने की है। गुरुवार की रात इंदिरा पुरम स्थित वैभव खंड के आवास से दोनों राज्यों की पुलिस ने संयुक्त रूप से धावा बोलकर उन्हें गिरफ्तार किया। विनोद वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने सेक्स सीडी के जरिए छत्तीसगढ़ के एक पॉवरफुल मंत्री को ब्लैकमेल करने की कोशिश की। गिरफ्तारी के बाद उनसे करीब 5 घंटे इंदिरापुरम थाने में पूछताछ की गई। छत्तीसगढ़ में विनोद वर्मा के ख़िलाफ़ धारा 384 यानी जबरन वसूली और धारा 506 यानी धमकी देने का केस दर्ज किया गया है। रायुपर में कुछ सेक्स सीडी बरामद करने का दावा किया गया है। आरोप है कि पत्रकार विनोद वर्मा की इनमें भूमिका रही है।
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,  लेकिन जिस तरह से आनन फानन में विनोद वर्मा को गिरफ्तार किया गया है वह बेहद चौंकाने वाला है। पुलिस की यह अति सक्रियता कई प्रश्नवाचक चिन्ह खड़ी करती है। एफआईआर दर्ज किये जाने के महज 24 घंटे के भीतर ही रायपुर से सैकड़ों किलोमीटर दूर राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस की इस अति सक्रियता ने विरोधी दलों को भाजपा पर हमला बोलने का अवसर प्रदान कर दिया है। विनोद वर्मा की गिरफ्तारी ने सियासी रंग ले लिया है।
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,  वरिष्ठ पत्रकार की गिरफ्तारी देश के चौथे स्तंभ पर हमला है। सीडी में प्रदेश के एक कद्दावर मंत्री एक महिला के साथ आपत्तिजनक हालत में हैं। यह सीडी मेरे पास भी है, लेकिन इसकी प्रमाणिकता संदिग्ध होने के कारण मैंने इसका खुलासा नहीं किया।– भूपेश बघेल, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस
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,  कांग्रेस ने जहां इसे मीडिया का गला घोंटने की कार्रवाई करार दिया है, वहीं आम आदमी पार्टी ने गिरफ्तारी को स्वतंत्र पत्रकारिता पर गहरा आघात करार दिया है। इसके विपरीत भाजपा ने विनोद वर्मा पर आरोप लगाया है कि वे कांग्रेस के पैरोल पर काम कर भारतीय जनता पार्टी को बदनाम करने की कोशिश में लगे थे। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने दावा किया कि चूंकि ये सेक्स सीडी एक मंत्री की है, इस कारण से मंत्री को बचाने के लिए विनोद वर्मा को आनन-फानन में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया और कहा कि कांग्रेस पत्रकारों की लड़ाई में पूरी तरह साथ है।
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,  वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा राष्ट्रीय पत्रकारिता के बड़े नाम रहे हैं। बीबीसी, अमर उजाला सहित कई बड़े मीडिया समूह में काम कर चुके वर्मा एडिटर गिल्ड के मेंबर भी हैं। वे छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल के निकट संबंधी हैं। वे बघेल के सोशल मीडिया इंचार्ज थे। विनोद वर्मा को निकट से जानने वाले लोगों का कहना है कि उनकी पहचान एक निर्भीक और जुझारू पत्रकार के रूप में रही है। वैसे उनकी गिरफ्तारी को उनके एक आलेख से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
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,  हालांकि ज्ञात तौर पर जिस मामले में विनोद वर्मा की गिरफ्तारी हुई है उसके संबंध में पता चला है कि 26 अक्टूबर को प्रकाश बजाज नाम के एक व्यक्ति ने रायपुर के पंडरी थाने में फोन पर धमकी देने की शिकायत दर्ज कराई थी। आवेदक ने अपनी शिकायत में लिखा है कि फोन पर 'तुम्हारे आका का अश्लील वीडियो हमारे पास है' कहकर धमकाया गया और इसके एवज में पैसे की मांग की गई। पैसा नहीं देने पर सीडी वितरित करने की धमकी दी गई। प्रकाश बजाज छत्तीसगढ़ के एक पॉवरफुल मंत्री के करीबी हैं।
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,  यह सब कुछ कांग्रेस पार्टी का षडयंत्र है। विनोद वर्मा का कांग्रेस से क्या संबंध है, इस बात का खुलासा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल को करना चाहिए। साथ ही भाजपा को ऐसी फर्जी सीडी से कोई फर्क नहीं पड़ता और पार्टी हर जांच के लिए तैयार है। - श्रीचंद सुंदरानी, प्रदेश प्रवक्ता भाजपा
,  प्रकाश बजाज की शिकायत के बाद रायपुर पुलिस ने आईपीसी की धारा 384, 507 के तहत मामला दर्ज कर प्रकरण की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी। क्राइम ब्रांच को जांच के दौरान दिल्ली के एक वीडियो संचालक के बारे में जानकारी मिली। पुलिस के दावे के मुताबिक वीडियो संचालक से पूछताछ में विनोद वर्मा द्वारा 1000 सीडी बनवाने की जानकारी मिली। वीडियो संचालक की निशानदेही पर ही विनोद वर्मा के गाजियाबाद स्थित घर में दबिश दी गई। पुलिस को वर्मा के घर से 500 सीडी और पेन ड्राइव के अलावा दो लाख रुपये नकद मिले। पुलिस ने वर्मा के पास से एक लैपटॉप और डायरी भी जब्त की है।
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,  सूत्रों की मानें तो विनोद वर्मा शुक्रवार को सीडी समेत रायपुर जाने वाले थे। संभव था कि वहां कुछ सीडी जारी की जा सकती थी। इससे पहले ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया। उन्होंने सीडी किसके लिए बनवाई या किसके पक्ष में यह किया जा रहा था यह सबसे बड़ा सवाल है। 26 अक्टूबर को केस दर्ज होने के बाद उसी रात रायपुर से सैकड़ों किमी. दूर गाजियाबाद से हुई आननफान में गिरफ्तारी कई सवाल खड़े कर रही है। आखिर उस सीडी का राज क्या है। क्या वह सीडी जारी हो जाने के बाद राजनीतिक तूफान खड़ा हो जाता। दर्जनों ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है।
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,  हिरासत में लिए जाने से पहले फेसबुक पर लिखा गया विनोद वर्मा का लेख
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,  अभी हाल ही में वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा ने फेसबुक पर एक लेख लिखा था। लेख में मोदी सरकार की आलोचना के साथ ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की आर्थिक अनियमितता पर भी सवाल उठाया गया था। लेख में उन्होंने क्या लिखा था, पढ़िए यहां-
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,  अहमदाबाद में कुछ घंटे गुज़ारने का मौक़ा मिला। जो लोगों ने बताया और महसूस हुआ:
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,  1 पहले पान की दुकान पर नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ एक वाक्य भी कह दें तो तीन चार लोग पिल पड़ते थे। अब कोई कुछ नहीं कहता। एक वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं कि हो सकता है कि आपको दो तीन साथ देने वाले मिल जाएं।
,  2 भाजपा के कार्यक्रमों में भीड़ ढोने के बाद भी लोग पर्याप्त संख्या में नहीं जुट रहे हैं।
,   पहले नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए वोट दिए जाते रहे। 2014 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट दिए गए। लेकिन इस बार जनता जानती है कि वे भाजपा को वोट देंगे तो भी मोदी मुख्यमंत्री नहीं बनने वाले। इस समीकरण का फ़र्क पड़ेगा।
,  3 अमित शाह के बेटे जय शाह का मामला सामने आने पर लोग नाराज़ हैं। गुजरात में सामान्य लेन-देन पर किसी को ऐतराज़ नहीं है लेकिन अपने बेटे को इस तरह बढ़ाना मंज़ूर नहीं।
,  4 तीन युवा हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश ठाकोर तीनों चुनाव को प्रभावित करेंगे। फिलहाल तीनों भाजपा के ख़िलाफ़ हैं। लेकिन आगे ऊंट किस करवट बैठता है यह देखना होगा।
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,  5 कोई नहीं कह रहा है कि भाजपा फिर से जीतेगी। लेकिन अभी यह भी कोई नहीं कह रहा है कि कांग्रेस जीत रही है। यानी कांग्रेस को अभी ताक़त लगानी होगी।