सर्जिकल स्ट्राइक के अकाट्य सबूत
कर्नल विपिन पाठक : पाक अधिकृत कश्मीर में घुस कर आतंकवादियों और उनके सरपरस्त पाकिस्तानी सैनिकों को सबक सिखाने वाली सर्जिकल स्ट्राइक की हम सालगिरह मना रहे हैं . भारत के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने वाले जांबाज कमांडो के इंटरव्यू आ जाने के बाद अब इस पर ऊँगली उठाने वाले केजरीवाल या दिग्विजय जैसों या पाक आर्मी को कोई शुबह नहीं रह जाना चाहिए .
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,  रक्षा और रणनीति की विचारधारा के लिहाज से ये सर्जिकल स्ट्राइक अपनी किस्म का ऐसा अप्रतिम और ऐतिहासिक उदहारण है जिसमे अपने एक भी फौजी का बाल भी बांका तक न हुआ हो . अत्यंत गोपनीय ये ऑपरेशन महज तीन दिन की मेहनत से अंजाम तक पंहुचाया गया जिसमे पहले दिन टीम का चुनाव और टारगेट की रेकी हुई . दुसरे दिन हथियारों का चुनाव किया गया और तीसरे दिन धावा बोल दिया गया .
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,  इस सालगिरह के मौके पर ये हीरोज इसलिए भी सेल्यूटके हक़दार हैं क्योंकि इस पूरी सर्जरी के दौरान न केवल वो दुश्मन की निगाह से बचे रहे बल्कि ऑपरेशन करके सही सलामत वापस लौट आये और सीमा के उस पर एक भी सामान्य नागरिक की जन हानि नही होने दी .
,  इस सर्जिकल स्ट्राइक ने दुनिया के सामने पाकिस्तान की इस झूठ की कलई भी खोल कर रख दी की कि भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ में उसका कोई हाथ नही है . इससे भारतीय फ़ौज का मनोबल तो बढ़ा ही है पाकिस्तानी फ़ौज के रैंक एंड फाइल के दिलों दिमाग में ये आशंका हमेशा कायम रहेगी की पता नहीं कब एक और सर्जिकल स्ट्राइक हो जाये . इसने भारत सरकार के इरादों को भी दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया की अपनी सुरक्षा के लिए वो कुछ भी कर
,  गुजरने को तैयार है . आज नहीं तो कल पाकिस्तान भी शायद इस बात को मानने को तैयार हो जाये की छदम युद्ध से उसे भी कुच्छ हासिल होने वाला नहीं है .
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,  यही नहीं सर्जिकल स्ट्राइक ने पाकिस्तानी फ़ौज की तैयारिओं और क्षमताओं की भी पोल खोल कर रख दी . एस लगता है की पाकिस्तानी फ़ौज सपनों की दुनिया में जी रही है और उसे भारत की कूटनीति , अर्थव्यवस्था या सेना की ताकत का कोई अंदाजा नहीं है . यह सही समय है जब भारत को अपनी पारम्परिक युद्ध क्षमताओं को अपडेट करके आतंकवादियों पर कदा प्रहार करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए .