लोकतन्त्र की सुदृढ़ भावना, स्थिर सरकार और दूरदर्शी नेतृत्व से आज भारत निवेश के लिए अपार अवसरों की भूमि बन गया है: ओम बिरला
नई दिल्ली: लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि वित्तीय कानूनों को सरल बनाए जाने और पारदर्शिता की दिशा में हाल में की गई पहलों से भारत में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण बना है। उन्होंने कहा कि सुदृढ़ लोकतांत्रिक भावना, स्थिर सरकार और दूरदर्शी नेतृत्व के साथ आज भारत में निवेशकों के लिए अपार अवसर मौजूद हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत आज निवेश के लिए एक पसंदीदा स्थान बन गया है।
,  बिरला ने ये टिप्पणियां नई दिल्ली में द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंटस ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के उत्तरी भारत क्षेत्रीय परिषद द्वारा 'एडोप्शन टू चेंजिंग लैंडस्केप: माई विकसित भारत-2047' विषय पर आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी में अपने उद्घाटन भाषण में कीं।
,  इस अवसर पर संसद सदस्य फग्गन सिंह कुलस्ते,बांसुरी स्वराज और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
,  भारत में कानूनी सुधारों का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि भारत में पहली बार औपनिवेशिक कानूनों को बदलने, पुराने कानूनों को निरस्त करने और ऐसे नए कानून बनाने का प्रयास किया गया है जो नए भारत के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप हैं। जीएसटी, प्रस्तावित आयकर कानून, श्रम कानूनों और कंपनी कानूनों में किए गए बदलाव के बारे में बताते हुए, श्री बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि ये पहलें देश को प्रगति और समृद्धि के पथ पर ले जाने के विजन को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि नए कानून न केवल सरल, पारदर्शी और प्रगतिशील हैं बल्कि समाज के अंतिम व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने के लिए समावेशी भी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रगतिशील कानून देश और समाज की बदलती जरूरतों और बदलते अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य को ध्यान में रखते हैं।
,  इस बात का उल्लेख करते हुए कि बुनियादी ढांचे, सड़क संपर्क, रेल संपर्क, हवाई संपर्क के क्षेत्र में विकास से देश में अधिक निवेश की क्षमता बढ़ी है,बिरला ने कहा कि इन निवेशों से अंततः बड़े पैमाने पर समाज को लाभ होगा। उन्होंने बेहतर भविष्य के लिए पर्यावरण अनुकूल जीवनयापन करने के प्रधानमंत्री के आह्वान का भी उल्लेख किया और कहा कि लोगों को पर्यावरण अनुकूल जीवन जीने के लिए प्रेरित करने में भारत दुनिया में अग्रणी है।
,  भारत की वित्तीय संस्थाओं को भारत की ताकत बताते हुए बिरला ने कहा कि हमारी वित्तीय संस्थाओं का पूरी दुनिया में सम्मान किया जाता है। आईसीएआई के योगदान की सराहना करते हुए बिरला ने कहा कि यह संस्था न केवल वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, बल्कि न्यूनतम लागत पर बड़े पैमाने पर उत्पादन करने में देश का मार्गदर्शन भी करती है। देश की आर्थिक क्षमता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए आईसीएआई अपने प्रबंधन कौशल से लोगों के जीवन को बेहतर बना रही है। बिरला ने आशा व्यक्त की कि इस दो दिवसीय संगोष्ठी में 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने में आईसीएआई के योगदान के बारे में एक रोडमैप प्रस्तुत किया जाएगा।
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