'देश का प्रकृति परीक्षण अभियान' प्रत्येक घर तक आयुर्वेद को पहुंचाता है: प्रतापराव जाधव
आयुष मंत्रालय ने राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में एक प्रेस वार्ता आयोजित की जिसमें केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने मीडिया को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 9वें आयुर्वेद दिवस समारोह के अवसर पर आरंभ किए गए 'देश का प्रकृति परीक्षण अभियान' में हुई महत्वपूर्ण प्रगति की जानकारी दी। प्रेस वार्ता में आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा और भारतीय चिकित्सा प्रणाली राष्ट्रीय आयोग (एनसीआईएसएम) के अध्यक्ष वैद्य जयंत देवपुजारी भी मौजूद थे।
,  प्रतापराव जाधव ने देश का प्रकृति परीक्षण अभियान आरंभ करने और इसे राष्ट्रीय आंदोलन बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि स्वयंसेवकों और टीम के उल्लेखनीय प्रयासों से यह अभियान भारत में परिवर्तनकारी स्वास्थ्य परिणाम लाएगा।
,  आयुर्वेद में वर्णित प्रकृति की अवधारणा, जीनोमिक्स विज्ञान और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा किए गए दो दशकों के शोध के आधार पर वैज्ञानिक रूप से भी सिद्ध हैं। यह अभियान राष्ट्रव्यापी स्वास्थ्य जागरूकता पहल है जिसका नेतृत्व 4,70,000 से अधिक समर्पित स्वयंसेवकों कर रहे हैं। इसका उद्देश्य पूरे भारत में स्वास्थ्य सेवा जागरूकता में क्रांतिकारी बदलाव लाना है।
,  जाधव ने इस कार्य में हो रही प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए समग्र कल्याणकारी बदलाव के रूप में अभियान की भूमिका का उल्लेख किया।
,  जाधव ने कहा कि यह पहल आयुर्वेद को प्रत्येक घर तक पहुंचाती है और लोगों को अपनी अनूठी प्रकृति को समझने और व्यक्तिगत, निवारक स्वास्थ्य प्रचलनों को अपनाने का अवसर प्रदान करती है।
,  आयुष मंत्रालय के नेतृत्व और भारतीय चिकित्सा प्रणाली राष्ट्रीय आयोग (एनसीआईएसएम) द्वारा संचालित 'देश का प्रकृति परीक्षण अभियान', वात, पित्त और कफ दोषों के आयुर्वेदिक सिद्धांतों के आधार पर व्यक्ति की विशेष मस्तिष्क-शारीरिक संरचना या प्रकृति की पहचान पर केंद्रित है। यह ज्ञान लोगों को बेहतर स्वास्थ्य और रोगों की रोकथाम के लिए जीवनशैली, आहार और व्यायाम दिनचर्या को अपनाने में सक्षम बनाता है।
,  इसके लाभों की चर्चा करते हुए जाधव ने कहा कि अपनी प्रकृति को समझना और प्रकृति के आधार पर जीवनशैली संबंधी सलाह का पालन करना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सही रखने में सहायक होता है और गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) सहित विभिन्न बीमारियों की रोकथाम में भी मदद कर सकता है। यह दृष्टिकोण आधुनिक पी5 चिकित्सा सिद्धांतों- पूर्वानुमान, निवारक, व्यक्तिगत, सहभागितापूर्ण और सटीक चिकित्सा में समाहित है।
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