हैलो जिंदगी

Ankalan 25/11/2020

हैलो जिंदगी
,  
,  उम्र के इस पड़ाव में,
,  आएं ! हम थोड़ा सरल हो लें।
,  आगे बढ़ने की होड़ में,
,   बहुत दांव खेले,
,   कभी हारकर गम में डूबे,
,   कभी जीतकर खूब कूदे,
,   पर पाना क्या है,
,   पाकर जाना कहां है?
,   ये तो कभी सोचा ही नहीं।
,   क्यों नहीं,
,   इसपर भी कुछ विचार कर लें!
,   आएं! हम थोड़ा सरल हो लें।
,  अपना कद ऊंचा कर
,   जमाने को दिखाने में,
,   संघर्ष के भय से, हां में हां कर,
,   जीवन पथ सरल बनाने में
,   ज़िन्दगी गुज़ार दी अबतक!
,  
,  कभी दिखावे की सरलता अपनाया
,  कभी सरलता का दिखावा फैलाया
,  क्यों नहीं दिखावे से दूर हो, अपने अन्दर
,  सरलता की एक बीज बो लें!
,  और पनपे हुए उस वृक्ष की छांव में
,  इत्मिनान से सो लें!
,  आएं! हम थोड़ा सरल हो लें।
,  
,  अनुभव ये बताता है
,  जो खुद चाहा, और मिला
,  फिर भी प्यासा ही रहा।
,  जो न चाहा और मिला,
,  वो अद्भुत निकल गया।
,  तभी तो अन्तर्मन से
,  ये महसूस हुआ कि क्यों न
,  ऊपरवाले पर ही अब विश्वास करें,
,  सब कुछ उनपर छोड़, बचे पल, आनन्द से जी लें!
,  आएं! सच में हम कुछ सरल हो लें!
,  
,  अमरेश कुमार
,  

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